- 17 Posts
- 9 Comments
एक और ट्रेन हादसा
अब तो ट्रेन से जुड़ी हादसों की खबर की जैसे आदत हो गयी है | आये दिन कोई न कोई ट्रेन हादसे की खबर आती रहती है | अभी २ दिन पहले हिसार में एक ही परिवार के परिवार के १२ लोगों की मौत हो गयी | मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर वैन चालक ने ध्यान नहीं दिया और चंद लम्हों के अन्दर उस परिवार के लिए सब कुछ ख़त्म |
अब हादसे जी जांच होगी, रिपोर्ट्स बनेगी और रेलवे के साथ साथ आम जनता भी कुछ दिनों के बाद सब कुछ भूल जायेंगे | रिपोर्ट्स वाली फाइल कहीं किसी जगह धूल खाती रहगी | एक अखबार में छपी जानकारी के अनुसार, हर साल करीब 15,000 लोगों को अपनी जिंदगी इन ट्रेन हादसों में कुर्बान करनी पड़ती है |
हमारा देश आज मंगल पर जाने का दावा करता है पर क्या मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग का कोई हल नहीं ढूंढा जा सकता | आज के तकनीकी के ज़माने में क्या ये इतना मुश्किल है | रेलवे को सोचना होगा और इस समस्या का हल निकालना होगा |
हर साल सर्दियों में कोहरे की वजह से हजारों ट्रेन घंटो की देरी से चलती हैं | लाखों लोग समय से अपने गंतव्य तक नहीं पंहुच पाते | मालगाड़ी की देरी की वजह से इकोनोमी को कितना नुक्सान उठाना पड़ता है | क्या कोई एंटी फोग एजेंट कोहरे को रेल ट्रैक से हटाने में हम इस्तेमाल नहीं कर सकते |
क्यों हमारा इतना विशाल देश कुछ नहीं कर पाता जब ऐसी छोटी छोटी समस्याओं का हम लोग कोई हल नहीं निकाल पाते | क्यों इस तरफ ध्यान नहीं दिया जाता चाहे कितना भी जान माल का नुक्सान हो जाये | मेरा रेल मंत्रालय से यही प्रार्थना है की आम जनता को बहुत ख़ुशी होगी जब बुलेट ट्रेन चलेगी लेकिन उससे कहीं ज्यादा ख़ुशी तब होगी जब ट्रेन की वजह से किसी भी आम जन को जान माल की हानि न हो |
(भवदीय – प्रशांत सिंह)
(प्रशांत द्वारा रचित अन्य रचनाएँ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें – बदलाव)
Read Comments